
अनुष्का और तेज प्रताप यादव
पटना: लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का मामला गरमाया हुआ है। इस बीच तेज प्रताप यादव के मामा और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि लालू परिवार का मामला सामने आ गया है, अब ये सब ड्रामा कर रहे है।
क्या है पूरा मामला?
तेज प्रताप यादव के मामा सुभाष यादव ने कहा, ‘अनुष्का यादव से तेज प्रताप का संबंध 2013-14 से है लेकिन तेज प्रताप की शादी जबरदस्ती ऐश्वर्या से करा दी गई। सब लोग जानते हैं कि उसके बाद तेज प्रताप ने अनुष्का से शादी की। अब तो जीतनराम राम मांझी ने बयान दिया है कि एक और लड़की है, सिन्हा कौन है? जिसके साथ तेज प्रताप मालदीव गए थे, इसका भी खुलासा होना चाहिए।’
सुभाष यादव ने कहा, ‘लालू ने मुंह से बोल दिया कि हमने तेज प्रताप को निकाल दिया, ऐसे थोड़ा ही होता है। न्यायालय के द्वारा बाहर निकालें तो समझ आए। ये लालू प्रसाद अपने आप को बचाने के लिए ये सब कर रहे हैं।’
लालू यादव ने तेज प्रताप यादव को RJD से निकाला
गौरतलब है कि तेज प्रताप के लव एंगल के सामने आने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकाल दिया है। तेज प्रताप को छह साल के लिए पार्टी से निकाला गया है। हाल ही में तेज प्रताप यादव की एक तस्वीर उनके फेसबुक अकाउंट से शेयर की गई थी। इस तस्वीर में वह एक महिला के साथ नजर आ रहे थे। इसके साथ ही लिखा गया था कि दोनों 12 साल से रिलेशन में हैं। हालांकि, कुछ समय बाद तेज प्रताप ने कहा कि उनका अकाउंट हैक हुआ है और उन्हें बदनाम करने के लिए यह सब किया जा रहा है। उन्होंने फोटो को भी फेक करार दिया था और कहा था कि इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है।
लालू यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकालने की जानकारी देते हुए लिखा “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद।”
