
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस
Bangladesh Political Unrest: बांग्लादेश में सियासी उथल पुथल मची हुई है। बांग्लादेश में अपनी करतूतों के चलते मोहम्मद यूनुस के तेवर भी अब ढीले पड़ते नजर आ रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी यूनुस पर जोरदार सियासी वार करते हुए उन्हें अमेरिका की कठपुतली बता दिया है। हसीना ने यह बात ऐसे समय पर कही है जब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यूनुस बांग्लादेश को संभालने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने भी देश में चुनाव को तरजीह देकर सियासी पारा बढ़ा दिया है। चलिए ऐसे में जानते हैं कि बांग्लादेश में चल क्या रहा है और मोहम्मद यूनुस आने वाले दिनों में क्या कर सकते हैं।
‘व्यापारियों का मारा जा रहा है’
सबसे पहले बात करते हैं कि बांग्लादेश में हालात किस तरह के बने हुए हैं। फिलहाल, बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण हैं और यूनुस सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा साफ नजर आ रहा है। ढाका समेत कई शहरों में हालात कभी भी बदल सकते हैं। ऐसा इस लिए क्योंकि एक प्रमुख व्यापारिक समुदाय के नेता शौकत अजीज रसेल का कहना है कि देश में व्यापारियों को उसी तरह मारा जा रहा है जैसे 1971 के मुक्ति संग्राम में बुद्धिजीवियों को मारा गया था। रसेल ने अकाल जैसे हालात की चेतावनी देते हुए कहा है कि लोग बेरोजगार हो रहे हैं।
‘निवेशकों ने फेर लिया मुंह’
बांग्लादेश टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शौकत अजीज रसेल ने व्यापार मंडलों की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें नहीं पता कि ईद-उल-अजहा से पहले हम श्रमिकों को बोनस और वेतन कैसे देंगे।” रसेल ने कहा है कि सरकार निवेशकों को बुला रही है, लेकिन विदेशी जानते हैं कि बांग्लादेश में निवेश का माहौल नहीं हैं वो जानते है कि बांग्लादेश से ज्यादा लाभ वियतनाम है।
बांग्लादेश में व्यापार में गिरावट (सांकेतिक तस्वीर)
‘सरकारी कर्मचारियों का विरोध’
बांग्लादेश में सरकारी कर्मचारियों ने सचिवालय के अंदर विरोध प्रदर्शन किया है। यह विरोध प्रदर्शन प्रस्तावित सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के खिलाफ किया गया है। कर्मचारियों ने इसे काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग कर दी है। माना जा रहा है कि इस कानून से अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई करना और उन्हें बर्खास्त करना आसान हो गया है। हालात ऐसे हैं कि अब कार्यलयों में काम ठप पड़ता नजर आ रहा है और लोगों का रोष भी सामने आने लगा है।
शिक्षकों में भी दिख रहा है गुस्सा
सरकारी कामकाज से लेकर व्यापार तक बांग्लादेश में हर ओर हाहाकार वाली स्थिति नजर आ रही है। इस बीच स्कूलों में भी हालात तेजी से बदल रहे हैं। सरकारी शिक्षकों ने कह दिया है कि वो अपनी मांगों को लेकर अनिश्चित काल के लिए सोमवार से पूरे दिन काम से दूर रहेंगे। शिक्षा ऐसा क्षेत्र है जो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के लिए बड़ी समस्या का सबब बम सकता है।
यूनुस ने दिया है बड़ा बयान
यह तो वो स्थितियां हैं जो जमीनी तौर पर साफ नजर आ रही हैं। बांग्लादेश के अंदरूनी हालात कैसे हैं इस अंदाजा मोहम्मद यूनुस के बयान से बखूबी लगाया जा सकता है। यूनुस ने कहा है कि बांग्लादेश अभी युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है। ऐसे समय में यूनुस ने चुनाव को और आगे बढ़ाने की बात कह दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव इस साल दिसंबर से अगले साल जून के बीच कराए जाएंगे। इससे पहले यूनुस ने 25 दिसंबर तक चुनाव करवाने की बात कही थी।
शेख हसीना (R) मोहम्मद यूनुस (L)
पद छोड़ेंगे मोहम्मद यूनुस?
अभी तक हमने आपको बांग्लादेश में कैसे हालात हैं इस बारे में बताया। अब हम आपको बताते हैं कि मोहम्मद यूनुस क्या कर सकते हैं। यूनुस जो करने वाले हैं उसके संकेत उन्होंने दे दिए हैं। अंतरिम सरकार के मुखिया का कहना है कि वो अगले साल 30 जून के बाद कुर्सी पर नहीं रहेंगे। देखने वाली बात यह है कि यूनुस ने ऐसा तब कहा है जब बांग्लादेश में कई मुद्दों को लेकर सेना और अंतरिम सरकार के बीच मतभेद नजर आने लगे हैं।
सेना और सियासत के बीच झुके यूनुस?
सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ पिछले सप्ताह यूनुस से मुलाकात की और देश में चुनाव कराने की बात कही थी। शेख हसीना भी यूनुस पर हमलावर हैं और अवामी लीग पर बैन लगाने के फैसले का विरोध कर रही हैं। हसीना ने कहा है कि सत्ता के लिए यूनुस एक तरफ अमेरिका के साथ देश बेचने का समझौता कर रहे हैं तो दूसरी ओर उन्होंने कट्टरपंथियों को खुली छूट दे रखी है। जाहिर हैं ऐसे हालत में यूनुस पर दवाब साफ हैं और तभी वो चुनाव कराने और पद छोड़ने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं।
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